अरसो बाद आज कलम उठायी थी
जुटाकर कुछ ल्फझ लिखी अपनी कहानी थी
तेरी उस सफाई से की बेवाफाई को शब्दो मै उतारणा चाहा हमने
तब अल्फाझों ने भी हार मान ली हमारे इस टुटे दिल से
कहा उन अल्फाझों ने इस टुटे टुकडे से
रोकर तो वक्त बीत जाएगा
अश्को से बस्स दामन भिग जाएगा
पर इस घायल भरोसे को मरहम अब कोन लगाएगा
सिमटकर अपने आसू जवाब मै उस दिल ने बस इतना कहा
कि आज भी रुखा हूं की कही वो आ जाये
आकर हमे अपने साथ ले जाये
क्योकी
जितनी सफाइ से तुने बेवफाई की थी
उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत हमने भी तो की थी
Its beautiful
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Hey thanks alot
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Loved it Aishu 🙂
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Thanks a lot… It was one of the first trials ever
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Excellent
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😘😘😘
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Visit my boog sometimes
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For sure…will take a look…
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